Saturday 24 October 2015

कुरान में चन्द्रमा के पास खुद का प्रकाश है ? part -3


Moon Emits Light ?
चन्द्रमा से प्रकाश का उत्सर्जन ?

चन्द्रमा के पास खुद का रोशनी नहीं है , वो तो सिर्फ सूर्य का  रोशनी  "चन्द्रमा" से "reflect" होक धरती तक पहुँचती है । "reflected" का अरबी word होता है "(in`ikaas)" ?? जो की दिए गए क़ुरनिक आयत में नहीं है ।


[[देखे क़ुरआन 71:16]]  ………

وَجَعَلَ الْقَمَرَ فِيهِنَّ نُورًا وَجَعَلَ الشَّمْسَ سِرَاجًا
Wa ja'alal qamara feehinna nooranw wa ja'alash shamsa siraajaa
And hath made the moon a light therein, and made the sun a lamp?
 "और उनमें चन्द्रमा को प्रकाश और सूर्य को प्रदीप बनाया ?

{.....feehinna nooranw.....} ?? ऊपर गौर से देखिये , चन्द्रमा के लिए "(in`ikaas)" शब्द नहीं आया है ।
बल्कि "noor" आया है । "Noor" उसके लिए denote किया जाता है , जो entinity खुद light emit करता है ।
अर्थात जो स्वयं प्रकाश देता है । example - stAR , sUN , a/q to qu'ran Allah ?
The word "Noor" is also used in this verse to show that Allah is the "light" of the universe.
Clearly the author is not implying that Allah reflects light from another source but is the source
of the light.


ये " नूर " शब्द अल्लाह के लिए भी आया है , क़ुरआन 24:35 में , जो बता रहा की---- " अल्लाह आकाशों और धरती का प्रकाश है।  उसके प्रकाश की मिसाल ऐसी है जैसे एक ताक़ है, जिसमें एक चिराग़ है - वह चिराग़ एक फ़ानूस में है। वह फ़ानूस ऐसा है मानो चमकता हुआ कोई तारा है " ??

नोट -- क़ुरआन में ये कही भी नहीं लिखा हुआ है की "अल्लाह किसी अन्य स्रोत से प्रकाश को दर्शाता है ?? बल्कि ये लिखा जरूर है की अल्लाह स्रोत है प्रकाश की ??
[देखे क़ुरआन 24:35]
Allaahu noorus samaawaati wal ard; masalu noorihee kamishkaatin feehaa misbaah; almisbaahu fee zujaajatin azzujaajatu ka annahaa kawkabun durriyyuny yooqadu min shajaratim mubaarakatin zaitoonatil laa shariqiyyatinw wa laa gharbiyyatiny yakaadu zaituhaa yudeee'u wa law alm tamsashu naar; noorun 'alaa noor; yahdil laahu linoorihee mai yashaaa'; wa yadribul laahul amsaala linnaas; wallaahu bikulli shai'in Aleem

अन-नूर (An-Nur):35 - अल्लाह आकाशों और धरती का प्रकाश है।  उसके प्रकाश की मिसाल ऐसी है जैसे एक ताक़ है, जिसमें एक चिराग़ है - वह चिराग़ एक फ़ानूस में है। वह फ़ानूस ऐसा है मानो चमकता हुआ कोई तारा है। - वह चिराग़ ज़ैतून के एक बरकतवाले वृक्ष के तेल से जलाया जाता है, जो न पूर्वी है न पश्चिमी। उसका तेल आप है आप भड़का पड़ता है, यद्यपि आग उसे न भी छुए। प्रकाश पर प्रकाश! - अल्लाह जिसे चाहता है अपने प्रकाश के प्राप्त होने का मार्ग दिखा देता है। अल्लाह लोगों के लिए मिशालें प्रस्तुत करता है। अल्लाह तो हर चीज़ जानता है।


Note- मोहम्मद को लगता था की चाँद खुद प्रकाश देता है । स्वाभाविक है किसी को भी उस वक्त लगता ,  क्योकि ये सब जानकारी अरब के देशो तक ठीक से नहीं पहुँची थी ।

वेदो में सारे जानकारी कही न कही मिलते रहती है । चुकी वेदो में 20,000 से ज्यादा verse है , तो search करना इतना आसान नहीं फिर भी कोशीश जरूर करूंगा की अभी आपको कोई example वेदो से दिखा सकू सकू, बिलकुल मिलता जुलता ।

LIGHT OF MOON

Rig Veda 1.84.15
“The moving moon always receives a ray of light from sun”
[[moov करता हुआ moon हमेशा सूर्य से रोशनी लेता है ]]

Rig Veda 10.85.9
“Moon decided to marry. Day and Night attended its wedding. And sun gifted his daughter “Sun ray” to Moon.”
[[ यहाँ पे अलंकार है , शब्दों को सजाया गया है - " जो बता रहा है की सूर्य अपनी रोशनी चाँद को देता है ,चाँद के पास खुद की रोशनी नहीं है ]]

ECLIPSE
Rig Veda 5.40.5
“O Sun! When you are blocked by the one whom you gifted your own light (moon), then earth gets scared by sudden darkness.”
[[ यहाँ भी शब्दों को सजाने के लिए अलंकार है । ये verse "ग्रहण " को दर्शा रहा है , यहाँ पे बताया जा रहा है  की जब चाँद "सूर्य और पृथ्वी " के बीचो बीच आ जाता है तो  पृथ्वी पर  sudden अँधेरा छा जाता है ]] जो की साफ़ -साफ़ indicate कर रहा है की चन्द्रमा का खुद का प्रकाश नहीं है ।


मैं ये ब्लॉग किसी भी सम्प्रदाय को दुःखी करने नहीं बना रहा बल्कि सत्य की और लाने का बस छोटा सा प्रयास
है, सत्य को जाने, सत्य को पहचाने और सत्य की ओर लोट चले ।

सत्य सनातन वैदिक धर्म की ओर ... वेदो की ओर लोट चले। … आर्य बने और आर्य बनाये ।
कृण्वन्तो विश्वम् आर्यम (अथर्वेद)


एकमात्र वेद ही है जो आदि सृष्टि में आके ज्ञान के प्रकाश के रूप में सम्पूर्ण मानव जाति की भलाई के लिए आया। हमें वेदो का सम्मान करना चाहिए , यह हमारे लिए परमात्मा का दिया हुआ "बहुमूल्य रत्न" से कम नहीं ।




ADMIN- Manish Kumar (आर्य)

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