Friday 23 October 2015

क़ुरआन में सूर्य "पृथ्वी" के चक्कर लगाती है (part -2)



क्या सूर्य "पृथ्वी" के चारो और चक्कर लगाती है ?

क़ुरआन में बहुत बार आया है , की सूर्य और चन्द्र एक कक्षा में घुमते है । पर कही भी ये नहीं लिखा हुआ है , की पृथ्वी भी कक्षा में घूमती है ??? ये सीधा -सीधा संकेत दे रहा है की मोहम्मद को लगता था , की पृथ्वी पूरे ब्रह्माण्ड के बीचो -बीच स्थिर है और सूर्य के साथ -साथ सभी "heavenly bodies" पृथ्वी के चारो और चक्कर लगाती है ।
अब इस बात की पुष्टि किया जाएगा , की सच्चाई क्या है ??

//////// (Quran from Android Market)
या-सीन (Ya-Sin):37 - और एक निशानी उनके लिए रात है। हम उसपर से दिन को खींच लेते है। फिर क्या देखते है कि वे अँधेरे में रह गए ।
या-सीन (Ya-Sin):38 - और सूर्य अपने नियत ठिकाने के लिए चला जा रहा है। यह बाँधा हुआ हिसाब है प्रभुत्वशाली, ज्ञानवान का ।
///////
नोट- या-सीन (Ya-Sin):38 - और सूर्य अपने नियत ठिकाने के लिए चला जा रहा है ?? यह वाक्य इशारा कर रहा है की सूर्य अपने ठिकाने से कही जा रहा है ??? अब देखते है क्या सच में मोहम्मद  ये सोचता था की सूर्य पृथ्वी के चारो और चक्कर लगाती है ???

अब देखे -
सहीह मुस्लिम 1:297 :- रात में सूरज कहाँ रहता है ?
 हदीस के अनुसार अस्त होने के बाद सूरज रात भर अल्लाह के सिंहासन के नीचे छुपा रहता है
"अबू जर ने कहा कि एक बार रसूल ने मुझ से पूछा कि क्या तुम जानते हो कि सूर्यास्त के बाद सूरज कहाँ छुप जाता है , तो मैंने कहा कि रसूल मुझ से अधिक जानते है . तब रसूल ने कहा सुनो जब सूरज अपना सफ़र पूरा कर लेता है ,तो अल्लाह को सिजदा करके उसके सिंहासन के कदमों के नीचे छुप जाता है .फिर जब अल्लाह उसे फिर से निकलने का हुक्म देते है , तो सूरज अल्लाह को सिजदा करके वापस अपने सफ़र पर निकल पड़ता है .और यदि अल्लाह सूरज को हुक्म देगा तो सूरज पूरब की जगह पश्चिम से निकल सकता है |

(sahi-bukhari jild 2 kitaab 15 hadees 167)

Reference के लिए ये भी देखे -
[Sahih Muslim 1:297 (for the Arabic and English of this hadith, click  here)]
जहाँ  पे "here" लिखा हुआ है , वहा पे click करे । 

यहाँ पे अभी भी मोमिन भाई लोगो को शायद विस्वास न होगा , क्योकि उसके दिमाग में बैठ गया है की क़ुरआन की आसमानी किताब है । 

चलिए क़ुरआन की ओर आयतो को ऊपर के दिए हुए हवाले से मिलाते है ----

///////या-सीन (Ya-Sin):40 - न सूर्य ही से हो सकता है कि चाँद को जा पकड़े और न रात दिन से आगे बढ़ सकती है। सब एक-एक कक्षा में तैर रहे हैं । ///////
नोट - यहाँ सूर्य भी तैर रही है , और चाँद भी ??  यहाँ पे अल्लाह कह रहा है की सूर्य "चाँद" को नहीं पकर
सकती ,दोनों अपने अपने कक्षा में तैर रहा है ।

इसको हम इस example से समझ सकते है -

" जैसे मान लीजिये कुत्ता (moon)और whale  मछली (sun) दोनों समुन्द्र में race लगाए , और whale मछली(sun) आगे तैर के निकल जाए , और कुत्ता (moon) उसके पीछे -पीछे race में रहे । यहाँ पे कुत्ता (moon)भी तैर के आगे जा रहा है और whale मछली (sun) भी , पर ऐसा कोई समय नहीं आता है की कुत्ता(moon) "whale मछली (sun)" के पास पहुँच के उसके साथ -साथ swim करे और काटे की टक्कर हो ?


///////अश-शम्स (Ash-Shams):1 - साक्षी है सूर्य और उसकी प्रभा,
अश-शम्स (Ash-Shams):2 - और चन्द्रमा जबकि वह उनके पीछे आए,//////
नोट- जैसा की मैंने ऊपर example के साथ समझाया की "सूर्य भी यहाँ चल रही है और चाँद भी" ये दोनों मिलके पृथ्वी के चारो और चक्कर लगाती है (ऐसा क़ुरआन का कहना है) अश-शम्स (Ash-Shams):2 - और चन्द्रमा जबकि वह उनके पीछे आए ??

देखिये सूर्य आगे निकल रहा है और चन्द्रमा उसको पीछा कर रहा है ??
स्वाभाविक है की आप पीछा उसी का कर सकते है , जब आगे वाला कही move करे । यहाँ moon किसके पीछे जा रहा है ?? सूर्य के पीछे । यहाँ और भी साफ़-साफ़ संकेत है की सूर्य आगे कही जा रहा है और उसके पीछे चाँद जा रहा है ।

/////अल-अंबिया (Al-'Anbya'):33 - वही है जिसने रात और दिन बनाए और सूर्य और चन्द्र भी। प्रत्येक अपने-अपने कक्ष में तैर रहा है ।/////
नोट - यहाँ भी दोनों कही swim करके आगे निकल रहा है ।
क्युकी swimming एक जगह  खरे होक नहीं होती , SWIMMING करियेगा तो BODY move करेगी ही । 
ये अलग बात है की ज़ाकिर नाइक जैसा शातिर क़ुरआन की कुछ आयतो को छुपा लेता है और कोई एक आयत को दिखा के उसका मीनिंग चेंज करने का कोसीस करता है ।

अब इसे भी समझते है -
////////अल-कहफ़ (Al-Kahf):86 - यहाँ तक कि जब वह सूर्यास्त-स्थल तक पहुँचा तो उसे मटमैले काले पानी के एक स्रोत में डूबते हुए पाया और उसके निकट उसे एक क़ौम मिली। हमने कहा, "ऐ ज़ुलक़रनैन! तुझे अधिकार है कि चाहे तकलीफ़ पहुँचाए और चाहे उनके साथ अच्छा व्यवहार करे।"///////
//////अल-कहफ़ (Al-Kahf):90 - यहाँ तक कि जब वह सूर्योदय स्थल पर जा पहुँचा तो उसने उसे ऐसे लोगों पर उदित होते पाया जिनके लिए हमने सूर्य के मुक़ाबले में कोई ओट नहीं रखी थी/////

--------- ये इतिहास है यहाँ पे , मोहम्मद ने इसे क़ुरआन में लिखवा दिया , पर ये बात को साफ़ नहीं किया  की ऐशा नहीं होता , अर्थात सूर्य कही भी नहीं जाती , बल्कि पृथ्वी "सूर्य " के चक्कर लगाती है ,इसीलिए ऐसा लगता है की सूर्य कही पे जाके अस्त होती है और अगले दिन दूसरे जगह से फिर से उगती है ।
जैसा की मैंने ऊपर इतने प्रमाण से बताया की "मोहम्मद" को भी लगता था की सूर्य चलायमान है और पृथ्वी के चारो और चक्कर लगाती है ???


ऊपर के सारे प्रमाण क़ुरआन और हदीस से ठीक से पढ़े और विचार करे , क्या मैंने क़ुरआन को कही पे भी
misqyote करने का कोसिस किया ??? बिलकुल भी नहीं , मैंने प्रमाण अनेक तरह से सिर्फ आपके समक्ष
रखा हूँ , क़ुरआन की आयते को आप कही भी मिलाये , मैंने क़ुरआन android market से download
किया है ।

अब फिर भी मोमिन भाई नहीं माने और आँख बंद करके ईमान लाये ??
तो निचे देखिये खुद सऊदी अरब के विद्वान का कथन ---

Saudi cleric claims Sun rotates around the Earth



Saudi cleric claims sun revolves around earth: Proposes geo-centric Islamic theory on Galileo's birthday
A screengrab from the video posted on YouTube shows Saudi cleric Sheikh Bandar al-Khaibari claiming that the Earth is stationary and the sun revolves around it
Saudi cleric claims Sun rotates around the Earth
नोट- असलियत में पृथ्वी "सूर्य" की चारो ओर चक्कर लगाती है , न की सूर्य "पृथ्वी" के चक्कर ???
अब मोहम्मद ने वही बोला जो उसको अरब की धरती से वैसा प्रतीत दीखता था , उसने बस उसमे थोड़ा मन-गलन कहानी जोड़ दिया ।  हमने यहाँ पहले क़ुरआन की आयतो को देखा फिर हमने प्रामाणिक हदीस
में देखा । क्योकि क़ुरआन में अल्लाह (a fake character by mohammad,who does not exist)
वही बोलता है ,जो मोहम्मद को पता रहता है या जिस चीज़ की मोहम्मद को जरुरत रहती है ।


या हो सकता है की ये मान्यताए मोहम्मद ने बाइबिल से कॉपी किया हो , क्युकी यही मान्यता उस समय तक बाइबिल की भी थी । यही कारण रहा की "गैलीलियो( astronomer )" को ईसाई पादरियों ने सज़ा देके जेल में दाल दिया था ?? क्योकि गैलीलियो ने अपनी खोज में बताया की "पृथ्वी" सूर्य के चारो और चक्कर लगाती है ।
जो की आज की विज्ञान और वेदो की द्रिष्टि से सत्य  बात है ।


वेदो में कोई भी किसी भी तरह का ERROR नहीं है । इसी ब्लॉग में आपको वेदो पर लगाए हुए झूठे
आछेप के उत्तर मिल जाएंंगे , analysis के साथ ।

कुरआन की शुरुआत से समीक्षा पार्ट -1  --- जरूर पढ़े ।
admin - Manish kumar (arya)

6 comments:

  1. Hally Mai yeh pta Chala hai ki suraj bhi galaxy ka chakkar lagata hai check kar sakte ho my Islam is best religion quran is best book namaz is best exercise

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  2. जब क़ुरान ने कहा कि सूरज घूमता है तब साले लोग नही मानते थे कहते थे कि सूरज नही घूमता विज्ञान कहता है जो पहले की रिसर्च थी लेकिन आज की विज्ञान रिसर्च कहती है कि सूरज घूमता है जो क़ुरान कहता है वही माना इनलोगो ने

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  3. क़ुरान झूठ का पुलिंदा है,और इसके बारे में कोई सवाल खड़ा न कर दे, इसलिए मोमिन को इस बाबत कुछ भी सुनने व बोलने की मनाही की गयी है! इसे देखें", और कुछ लोग बका करते हैं उन पर सब्र करो, और उनसे बाउनवाने शाईस्ता अलग थलग रहो((सूरह अल मुजििम्मल"10) और देखें" हम खूब जानते हैं कि उन लोगों की बकबक तुमको सदमा पहुंचाती है तो तुमको समझना चाहिये कि ये लोग तुमको नही झुठलाते बल्की ये जालिम खुदा की आयतों से इनकार करते हैं(सूरह अल अनम31)

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    1. Andhbhakt ko kuran jhoota dikh raha hai pehle quran samjhne ki salahiyat to peda kar

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    2. अबे मदरसाछाप पहले तु कुरान द्वारा बताये अल्लाह को अच्छा साबित करके दिखा दे

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