Sunday 25 October 2015

बिना दूध देने वाली गाय भी कामधेनु है |

अभी तक के संसोधन ये पता चला है की " एक रोड पे बेकार फिर रही गाय -- इस भारत देश को बेरोजगार मुक्त , और एक आम आदमी को करोड़-पति , और  देश को प्रदुषण मुक्त , और देश की
आर्थिक स्थिति को हिमालय की उचाई तक ला सकती है ।

अब ज़रा सोचिये मैं सिर्फ बिना कोई काम का रोड पर घूम रहे हुए गाय की बात कहा ।
हमारे देश में " गाय " एक "राष्ट्रिय पशु" के जगह "राजनैतिक पशु" बन गया है ।


आज मैं आपको गाय के राजनैतिक शास्त्र के अलावा गाय के आर्थिक शास्त्र  और सामाजिक शास्त्र  को देखते हुए भी 100 % शुद्ध DNA TEST करेंगे ।

जो ये साबित करेगा की गाय को मारने से ज्यादा फायदा --- गाय को ज़िंदा रखने में है ,गाय का दूध हो या गोबर हो या गौ मूत्र ,गाय मरते दम तक समाज की भलाई का काम निष्काम भाव से करती है , और इसीलिए वेद -पुराणो में गाय को कामधेनु कहा गया है।
गाय का दूध कई तरह के रोगो को रोकने और उनके उपचार में काम आता है ,
और गाय ही मनुष्य के आस -पास एक ऐषा प्राणी है ,जिसका मल -मूत्र भी पवित्र और उपयोगी माना जाता है।  वैज्ञानिक रिसर्च में ये साबित हुआ है की ,गाय के दूध में प्रोटीन ,कार्बोहाइड्रेट्स ,मिनरल्स और विटामिन डी  होता है , जो रोग -प्रतिरोगक छमता ,मानसिक विकास में सहायक होता है

ये भी माना जाता है ,की यज्ञ और हवन के दौरान गाय  के दूध के घी का आहूति इसीलिए दिया जाता है क्योकि इससे हवा में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता है , वैज्ञानिक रिसर्च में ये भी साबित हुआ है की गौ मूत्र में मौजूद तत्वों का सेवन कैंसर और टीवी जैसे बीमारियो में फायदेमंद होता है ,पेट सम्बन्धी बीमारियो में भी आयुर्वेद गौ मूत्र की सेवन की सलाह देता है

और आपको ये बात जानके हैरानी होगी की अमेरिका ने गौ मूत्र उत्पादों से जुड़े 4 पेटेंट ले लिए है  । अमेरिका हर वर्ष भारत से गौ मूत्र आयात करता है ,और उससे कैंसर की दवा बनाता है ,गाय का गोबर भी गौ मूत्र की तरह मूलयवान होता है ,रासायनिक खाद के बदले गोबर से बनी प्राकृतिक खाद कृषि योग्य भूमि की नमी 50 फीसदी तक बढ़ जाती है ,जिससे फसल अच्छी उगती है , गाय की गोबर से बनी बायोगैस अमेरिका और जर्मनी जैसे देशो में गाड़ियों  ईंधन के तोड़ पर इस्तेमाल हो रही है और मसहूर कार निर्माता कंपनी toyota गाय के गोबर से हाइड्रोजन fuel बनाने के तकनीक पर भी इस वक्त काम कर रही है ,यही वजह है की गाय को काम धनु कहा जाता है ।

अब हम आपको इसी गाय के कामधेनु अवतार का पवित्र DNA TEST  दिखाते है ।
इस विश्लेषण को देखने के बाद आप खुद ये तय कर पाएंगे गाय को ज़िंदा रखने में ज्यादा फायदे है
या फिर मार देने में ?


गाय माता व् माँ होने के अलावा वो काम-धेनु है , जो इस देश से बेरोजगारी को ख़त्म कर सकती है ।
गाय वो जानवर है जो इस देश में पेट्रोल ,और डीजल की कीमतों को जमीन पर ला सकती है ,
गाय वो पशु धन है जो इस देश के लाखो गरीब किसानो को आमिर बना सकती है ,कैसे ?
 पिछले हफ्ते दादरी में हुई हिंसा "अख्लाख़-दादरी काण्ड" , और गाय को बचाने में अपनी जान गवा देने
वाले सब-इंस्पेक्टर मनोज कुमार मिश्रा  लेकर बीफ पार्टी मनाने वाले के मूह पे कालिख पोतने  तक की
घटनाओ को देखा ??

देश को शर्मसार करदेने वाली ऐशी घटनाओ को देख कर लगने लगा की एक गाय सिर्फ दो ही कामो के
लिए है ?  या तो पूजा करने के लिए या फिर काट के खाने के लिए। …


लेकिन आप ये जान के हैरान हो जाएंगे की जो गाय दूध नहीं दे पाती ,जिसके हाथ पैर बेकार हो चुके है ,
जिसे बेकार समझ कर रोड पर छोड़ दिया जाता ,जिसे सिर्फ 5 से 6 हजार के लिए मांस का टुकड़ा समझा
जाता है ??

" वो गाय हर महीने एक बेरोजगार को सिर्फ गोबर और गौ मूत्र से 8 -10  हज़ार रूपये का रोजगार दे सकती है (हर महीने) "


देखिये गौ शाला चलाने वाले आनंद राज जी के कथन,प्रधान ,लाडलू गौशाला ,हिसार ।
"गाय का मूत्र 10  रूपये लीटर से भी बेचे तो 10 लीटर के 100  रूपये हो जाते है । और इस हिसाब से सिर्फ
एक गाय महीने के 8-10 हज़ार रूपये घर बैठे दिलवा देती है , ये सिर्फ नाकारा हुआ गाय से फायदे है ,जो
लोगो के नजरो में कोई काम की नहीं दिखती हो ??

अगर दूध भी देती है तो इनकम का तो बता नहीं सकते । सिर्फ एक गाय के ये सब फायदे है ,
चाहे कैसा भी गाय हो ??


ज़रा सोचिये रोड पे बेकार घूमती हुई गाय आपके लिए महीने के 8-10 हजार रूपये का  ATM मशीन है ।

हरियाणा का ये गौ शाला देखिये , इसमें 1180 गाय हैं , जो दूध बिलकुल भी नहीं देती ,सिर्फ गोबर और गौ मूत्र देती है , और यही गोबर और गौ मूत्र 200 से ज्यादा लोगो को रोजगार दे रखी है ।

ये देखिये सिर्फ बेरोजगार गाय से BUSINESS बना के , इनका साल का INCOME 3.5 करोड़ है ???
गौर से देखिये 3.5 करोड़ रूपये ????

इनका कहना है गाय एक चलती फिरती सस्ती फैक्ट्री है जो किसी भी बेरोजगार को घर बैठे CROREPATI
बना सकती है । बेकार कहे जाने वाले गाय को पालिए और मार्केटिंग करिये ।


देखिये गौ मूत्र में कुछ आयुर्वेद विज्ञान लगाने के बाद गौ मूत्र 250 रूपये / लीटर बिकती है ???


हम बस ये बताना चाह रहे है की देश में न जाने कितने लोग बेरोजगार घूम रहे होंगे ??
सामने न जाने कितने बेकार गाय घूम रही होगी ?? अगर ये दोनों मिल जाए तो दोनों का
भला हो जाएगा ।


यानी दूध देना बंद करने के बाद भी गाय कामधेनु बनी रहती है । ये लोगो के लिए न सिर्फ पैसे कमाने का जरिया बनती है बल्कि लोगो का जान भी बचाती है ।

यहाँ देखे , cancer , HIV , Hypotytis B  etc  बीमारियो का 99 % तक ठीक कर देंने का gauranty
पेपर में लिख के दिया जाता है । और इनका कहना है इन्होने गौ मूत्र और आयुर्वेद से अभी तक 100 %
रिजल्ट दिया है । इनका कहना है की हमारे पास पेसेंट को छोड़ दे हम sign करके देंगे की पेसेंट यहाँ 
पूरी तरह से ठीक होके ही जाएगा । यहाँ गौ पद्धाती से इलाज होता है ।

बहुत ही शर्म की बात है की आज पूर्व न्यायाधीश या विधायक सरेआम बीफ खाने का दम भरता है ?
सवाल उठता है , भरकाऊ tweet और लोगो की भावना को आहात पहोचाने के अलावा लोगो की
बेरोजगारी को इस गौ-सेवा पद्धति द्वारा समझा के उनके दुःख दूर नहीं कर सकता ???


गाय का फायदा सिर्फ गौ मूत्र तक ही नहीं है , गाय के गोबर से बनने वाली खाद का तो सबको पता ही होगा ।
जहा गंध होगा ,गोबर होगा वहा मक्खियाँ  ,मच्छर इतियादी आएंगे ही ??
पर यहाँ देखिये गाय के गोबर से बन रही खाद में एक भी मच्चर या मक्खियाँ नहीं है ?

इसकी खेतो में सिचाई से कीड़े मकोड़े सब फसल से दूर भागता है , फसल को बचाने में गाय का गोबर से
बनी खाद बहुत सहायक है ।


अब इससे भी बचे हुए पदार्थ bio -water पर आते है , आप इसे उस तरह से समझ सकते है जैसे गन्ने वाला गन्ने से कितने बार जूस निकालता है ।




ये डॉ संजीवनी है आईये इनकी कथन सुने ,

" खाद  बनने के बाद जो बायो प्रोडक्ट बनता है , इस प्लांट में सॉलिड जो गोबर है उसको अलग निकाल दिया जाता है , और जो liquid water  है उसको अलग निकाल दिया जाता है , जो liquid  water है , उसको यहाँ से टैंक में भर के ले जाते है ,और अपने फॉर्म पर टैंक बनाये हुए है ,उसमे बायो water  को डालते है ,और बैक्टीरिया हम culture करते है ,और वो बॅक्टेरिया हम जब सिचाई करते है ,तो सिचाई के साथ ही हम ये बक्टेरिआ को बायो वाटर के साथ दे देते है ,जो की खेत में चला जाता है ,और खेत में जाने के बाद जो uria हम  है ?जिससे माइक्रोब्स मर गए तो हमने उसको बैक्टीरिया दे दिया ,बेक्टिरया खेत में जाएगा और वो जो अपना काम करेगा , माइक्रोबियल लोड यानी की जो सूक्षम जीव है ज्यादा हो जाएंगे तो जो उसमे केचुवा है वो भी बढ़ रहा है और इससे मिट्टी की हेल्थ अच्छी हो रही है "
ये सब के लिए कोई प्लांट का भी जरुरत नहीं , आम किसान ये  घरो में भी बना सकता है वो भी निशुल्क ।

अफ़सोस की बात है की मिडिया में गाय के मांस खाने व् न खाने को लेकर तो  चर्चा हुई , एक ने तो आग में घी डालते हुए ?? गाय के मरने के बाद की फायदे तक गिना दिए ?? लेकिन गरीबी से खुदखुशी करते किसानो को
ये गाय कैसे बचा सकती है ?? ये किसी ने नहीं बताया ।

वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार गाय ग्लोबल वार्मिंग काम करने में असर दार साबित हो सकती है ।
Alensabry की Research -
एक किलो गाय का गोबर जिस जमींन में पर जाता है , जमीन में 9 लीटर तक पानी सकने की छमता बढ़
जाती है ।

आप imazine करिये एक गाय एक ही जगह पर 8-10 किलो गोबर छोड़ रही है तो, 100 लीटर पानी  moisture के रूप में absorb रहेगा और अगर साल साल ऐषा ही चलते रही तो irrigation water की जरुरत ही नहीं पड़ेगी , दूसरी बात जब वहा moisture होगी तो greenry होगी , यह भूमि को fertilize  भी कर रही है ।
आने वाला समय में गाय का गोबर CNG के रूप में पेट्रोल और डीजल का दुसरा विकल्प  बन सकता
है । इसपर एक प्रोजेक्ट भी शुरू हो गया है ।

 गोबर से बानी नयी तकनीक पर गाड़िया भी भविष्य में चलने जा रही है , CNG तकनीक से । अभी भी छोट- स्तर  पर शुरू हो गयी है ।
methane gas (ch4 )---- गाय के गोबर से 95 % methane gas प्राप्त हो रही है ।

भारत में जितने भी साधन है (गौशाला)  उससे , 85 मिलियन std cubic meter per DAY GAS निकलेगी
और उससे ज्यादा निकलेगा गोबर ,गोबर से बायो कम्पोस्ट , और ये कम्पोस्ट urea  से 10 times अच्छा खाद
है खेतो के लिए । इससे मिटटी की उर्वरक शक्ति हमेसा कायम रहती है , मतलब एक खाद में काम आया
और दुसरा gas भी  निकली । और इस gas में इतनी ताक़त है की पूरे भारत में जितने भी तरह के गाड़िया है ,
बड़े -छोटे सभी गाड़िया ये आराम से चला सकती ।


इतना ही नहीं महँगी होती LPG के जगह आप गोबर से बानी सस्ती bio gas से भी खाना बना सकते है ।
फिलहाल तो उए तकनीक बरी बरी होटल रेस्टोरेंट में उपयोग हो रही है , अगर गाय बची तो आपके घर
तक भी ये तकनीक पहुचेगी ।


  • बिना झंझट का सीधे आपको खाना बनाने के लिए प्राप्त होगी ।
  •  LPG के मुकाबले आपको बहुत ही सस्ती मिलेगी ।
  • power generation में काम आएगी ।
  • खेती के लिए सर्वोत्तम , खेत कभी भी बंजर नहीं होगी ।
  • घर बैठे लखपति ,करोड़पति बन सकते है ।
  • बेरोजगारी खत्म होगी
  • छोटे मोटे धंदे वाले (रोड पर समोसा ,जलेबी बेचने वाले ) भी इसका आराम से उपयोग कर सकेंगे ।
  और अगर सरकार ध्यान दे तो- खेती,ऑटोमोबाइल सेक्टर में गाय के गोबर का बड़ा योगदान रह सकता है ।

अब आप ही बताईये हम किसको गोबर कहे ? गाय के गोबर को कहे या उन विधायक लोगो की बुद्धि को
गोबर कहे जो गाय पर लड़ रहे है और पूरी दुनिया के सामने देश की छवि का ,संस्कृति का गुर-गोबर कर
रहे है ??


ADMIN -Manish Kumar (आर्य) 


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