Saturday 7 November 2015

वेदो में इंद्र ओर अप्सरा का सत्य | part-1


मित्रो अम्बेडकरवादी ही नही बल्कि मुस्लिम,ईसाई ,और कई हमारे पौराणिक बन्धु भी वेदों में इंद्र शब्द
ओर अप्सरा का वर्णन देख ,इंद्र को एक व्यक्ति समझ लेते है तथा आरोप करते है कि हिन्दुओ के देवता
लम्पट ,आइयश थे | 


लेकिन वास्तव में ये सब आकाशीय घटनाओ के अलंकृत वर्णन है जिनके बारे में बताया जाएगा ...
वास्तव में वेदों के इन आकाशीय वर्णन को पुराणों ने ऐतिहासिक व्यक्तियों के साथ जोड़ कर अर्थ का अनर्थ कर दिया और काफी भ्रामक कथाये बना दी जो की भारतीय संस्कृति ही नही अपितु वेदों और महान ऐतिहासिक लोगो पर भी आक्षेप करती है |
इन सब आक्षेपों का उत्तर समय समय पर आर्य देते रहे है ,,सबसे पहले स्वामी दयानंद जी ने ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका में इंद्र ओर अहिल्या ओर इंद्र ओर वृत्र आदि कथाओ का वास्तविक ओर नेरुक्तिक अर्थ प्रस्तुत कर दिया था | लेकिन हमारे पौराणिक भाई उन सब वर्णन को ऐतिहासिक ही मान रहे है ओर पुराणों के इन वर्णन को गलत स्वीकार नही कर रहे है , यही कारण है कि पुराणों से ऐसे वर्णन उठा कर हिन्दुओ को नीचा दिखाया जा रहा है |

(1 ) इंद्र ओर अप्सरा :-

पौराणिक वर्णन देख ये आरोप लगाया जाता है कि इंद्र एक देवताओ का राजा था ओर उसके अनेक अप्सरा थी ,ऐसा वर्णन वेदों में भी देख वेदों से भी यही सिद्ध किया जाता है कि इंद्र एक देवता है जो कि अनेक अप्सराय रखता है ओर अम्बेडकर वादी इसे एक ऐतिहासिक व्यक्ति ( विदेशी ब्राह्मण ) मानते है जिसने भारत के मुल्निवाशियो पर आक्रमण किया ओर अपना राज्य स्थापित किया ओर अपने महल में कई अप्सराय (स्त्रिया ) रखता था ओर चरित्रहीन था | आदि कई आक्षेप किया जाता है | प्रथमत: हम बताना चाहते है कि वेदों में कोई व्यक्ति विशेष का इतिहास नही है ओर इंद्र ,अप्सरा आदि नाम आकाशीय पिंड के है | वेदों में देवता का अर्थ कोई व्यक्ति विशेष नही है न ही ये किसी कल्पित शक्ति (जैसे भूत ,प्रेत ) आदि के नाम है ,देवता शब्द दिव धातु से बना है  अर्थात चमक इस तरह देवता का अर्थ हुआ दिव्य गुणों वाला ...प्राक्रतिक वस्तुए दिव्य गुणों से युक्त होती है अत: ये भी देवता है और ईश्वर भी अत: ईश्वर भी देवता है ..इसी तरह विभिन्न संयमित व्यक्ति भी दिव्य तेज से युक्त होते है अत: उन्हें भी देवता कह सकते है | वेदों में इंद्र को देवता कहा है अत: वेदों में व्यक्ति विशेष का इतिहास न होने के कारण इंद्र शब्द प्राक्रतिक वस्तु के लिए प्रयुक्त हुआ है या फिर ईश्वर के लिए ...इसी तरह अप्सरा भी प्राक्रतिक पदार्थो के लिए प्रयुक्त हुआ है ..

इंद्र के निम्न अर्थ यास्क ने निघुंत में दिए है जो कि वैदिक कोष है :-

यहा इंद्र का अर्थ मित्र: और त्वष्टा दिया है जो की सूर्य के ही नाम है |
  
अत: इंद्र का एक अन्य अर्थ सूर्य हुआ | अगले पार्ट -२ में इंद्र का मतलब सूर्य ही है ,इसको और भी प्रमाणों के साथ स्पष्ट किया जाएगा ।
अप्सरा के बारे में वेदों में ही आता है :-
" सूर्यो गन्धर्वस्तस्य मरीचयोअप्सरस:(यजुर्वेद १८/३९ )"
यहा कहा है सूर्य ही गंधर्व है और उसकी किरणें अप्सरा है |  
इससे स्पष्ट है की अप्सरा का अर्थ किरणें है ,चुकी यहा सूर्य को गंधर्व कहा है और इंद्र का अर्थ भी सूर्य ओर अग्नि आदि होता है अत: गंधर्व का अर्थ इंद्र ,सूर्य ,अग्नि हुआ । 
यजुर्वेद में एक अन्य स्थान पर गन्धर्व का अर्थ बताया है :-
" ऋताषाड ऋतधामाग्निर्गन्धर्व:"(यजुर्वेद १९:३८ ).......
चन्द्रमा गंधर्व:(यजुर्वेद १८:४० ) ......
वातो गन्धर्व:(यजुर्वेद १८: ४१) ...
भुज्यु: सुपर्णो यज्ञो गन्धर्व:(यजुर्वेद १८ :४२ ) ..
मनो गन्धर्व :(यजुर्वेद १८ :४३ )

अर्थात अग्नि गन्धर्व है ,चंद्रमा गन्धर्व है ,वायु गन्धर्व है ,यज्ञ गन्धर्व है ,मन गन्धर्व है | इस आधार पर गन्धर्व का शाब्दिक अर्थ होता है प्रकाशवान अत: इंद्र का भी अर्थ यही होता है इसलिए अग्नि ,सूर्य आदि नाम इंद्र के भी है | और अप्सरा का अर्थ है किरणें अत: इंद्र की अप्सरा से तात्पर्य है कि सूर्य और उसका प्रकाश अर्थात किरणें ,
अग्नि और उससे निकलने वाली उसकी किरणें .चंद्रमा ओर उससे निकलने वाली उसकी किरणें |


उपरोक्त वर्णन से स्पष्ट है कि वेदों में इंद्र प्राक्रतिक पदार्थो सूर्य ,अग्नि आदि के लिए प्रयुक्त हुआ है और अप्सरा किरणों के लिए ,,,संभवत पुराण कारो ने वेदों के इसी वर्णन को किसी ऐतिहासिक राजा के साथ मिलाकर काल्पनिक स्वर्ग लोक ओर अप्सरा ,गन्धर्व आदि की कल्पना कर ली ...

इसी बात का फायदा मुस्लिम अपनी कुरान के हुर्रे और गिलमो और काल्पनिक जन्नत के आधार पर हिन्दुओ को ठगते है और अम्बेडकरवादी उपहास करते है लेकिन यहाँ स्पष्ट कर दिया की इंद्र या गन्धर्व शब्द सूर्य ,अग्नि आदि प्रकाश स्वरूप पदार्थो के लिए प्रयुक्त हुआ है |  और अप्सरा किरणों के लिए वेदों का किसी ऐतिहासिक वर्णन से कोई लेना देना नही है |

ADMIN - मनीष कुमार (आर्य)   
वेदो में इंद्र-अहिल्या-गौतम PART-2    typing ..... में है ........    
कुछ देर  प्रतीक्षा करे और वाल्मीकि रामायण में भी इस टॉपिक के होने या न होने का भी समीक्षा की जायेगी ।

धन्यवाद                                              
                                                 


1 comment:

  1. padhe hi nahi balki share bhi kre .........

    share karne ka bhi option available hai ...

    #ADMIN

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