Saturday 2 January 2016

MODERN SCIENCE IN VEADS



ZAKIR NALAYAK YOUTUBE   (CLICK HERE)

VIDEO DURATION (12:30-13:50)


ज़ाकिर भाई यहाँ  क़ुरान की आयत दिया और विज्ञान समझा रहा है , और कह रहा है की 1400 साल पहले ये विज्ञान क़ुरआन में कैसे आया । क़ुरान में कोई विज्ञान नहीं है , बल्कि विज्ञान का मज़्ज़ाक़ उड़ाया गया है । 
 वेद का कोई काल नहीं है , मैं आपको इससे RELATED ब्लॉग निचे दे दूंगा , क्यों वेद का कोई काल नहीं है , वेद  का अर्थ ज्ञान होता है , जैसे ईश्वर INFINITE है , वैसे ही उनका ज्ञान भी INFINITE है । जैसे ईश्वर हमेसा से था और आगे भी रहेंगे ठीक वैसे वेद भी हमेसा से था और आगे भी रहेगा । इस सृष्टि में आदिकाल में ही वेद का प्रकाश हो गया था।

ज़ाकिर नाइक अंधविज्ञान खोज के बोलता है ,देखो 1400 साल पहले ये विज्ञान कैसे आया , इसका मतलब ये अल्लाह का ही ज्ञान है ?? पहली बात ज़ाकिर नाइक का मॉडर्न साइंस , क़ुरान का अंध साइंस से दूर दूर तक मैच नहीं करता , बस झूठ बोलके एक मुस्लिम दूसरे मुस्लिम को बेवकूफ बना रहा होता है ।

मेरा भी SAME सवाल ज़ाकिर नाइक से "की आपके हिसाब से क़ुरान में विज्ञान है , जो की पहले किसी को नहीं पता था ??
तो ज़ाकिर भाई, आपके बुक का सारा विज्ञान वेद में क़ुरान से भी पहले था , और क़ुरान में तो कोई विज्ञानं नहीं पर वेद में हज़ारो है ।
क्या वेद का CREATOR ईश्वर ही असली CREATOR है , इस UNIVERSE का ???



1. [RIGVED 1:50:1]


विज्ञान:- सूर्य की किरण में पोषक तत्व भी होते है (जैसे हमारे लिये विटामिन D) , सूर्य की किरण परने से पेड़ -पौधा फूल-पत्तिया आदि खिलने लगती है ,हरी भरी रहती है ।

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सूर्योदय में प्रकाश , औसधिया ,प्राणशक्ति एवं सफल प्रदार्थ होते है (ऋग्वेद १:५०:१)

2. [RIGVED 2:12:12]



विज्ञान:- इसमें सूर्य से निकलने वाली सात किरणे का जिक्र है , ज़ाकिर नाइक के अनुसार वेद सिर्फ 5000 साल ही पुराना है ? तो भय , बताओ 7 rays का विज्ञान उस समय कौन machine से experiment हुआ था ?

3. [RIGVED 1:35:9]

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विज्ञान:- सूर्य अपनी परिधि में इस प्रकार घूमता है कि उसके आकर्षण में बंधे पृथ्वी और अन्य पिंड आपस में कभी नहीं टकराते. सूर्य की किरणे  रोगाणुओं को दूर फेक/ख़त्म कर , हमें स्वस्थ्य बनाता है ।



4. [RIGVED 1:164:13

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विज्ञान:- सूर्य अपनी परिधि में घूमता है जो स्वयं भी चलायमान है. पृथ्वी और अन्य गृह सूर्य के चारों ओर इसलिए घुमते हैं क्योंकि सूर्य उनसे भारी है.


5. [RIGVED  10:149:1]
ऋग्वेद १०.१४९.१- सूर्य ने पृथ्वी और अन्य ग्रहों को अपने आकर्षण में ऐसे बांधा है जैसे घोड़ों को साधने वाला अश्व शिक्षक नए शिक्षित घोड़ों को उनकी लगाम से अपने चारों ओर घुमाता है.

6. [RIGVED 10:22:14]



विज्ञान:- यह पृथ्वी विना हाथ और पैर के भी आगे बढती जाती है. यह सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है. इसमें साफ़ साफ़ ईश्वर ने बताये है की , यह पृथ्वी "सूर्य" के चारो ओर चक्कर लगाती है । 



7. [YAJURVED 33:43]
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यजुर्वेद ३३.४३- सूर्य अपने सह पिंडों जैसे पृथ्वी को अपने आकर्षण में बाँधे अपनी ही परिधि में घूमता है , यहाँ सूर्य अपने अक्ष पर घूम रहा है , और पृथ्वी आदि ग्रहो को अपने आकर्षण बल से बाँधे हुआ है ।

सवाल उठता है , उस समय कौन सा SCIENTIST था , जो SATELITE ऊपर छोर के आया था ?? क्या क़ुरान ऐसा सब विज्ञान बिना किसी SCIENTIST के हेल्प से दे सकता है ?? क़ुरान तो ७ चपटी धरती और ७ चपटी जन्नत , ७२ हूरे में ही रहा है , और ऐसे सब बकवास ग्रथ को इस्लाम वाले गॉड वर्ड का दर्जा दिए बैठा है ???

8. [RIGVED 1:11:5]

 त्वं बलस्य गोमतोSपावरद्रिवो बिलम् |
त्वां देवा अबिभ्युषस्तुज्यमानास आविषुः (ऋग्वेद 1|11|5)
पदार्थ -
अद्रिवः................जिसमें मेघ विद्यमान है ऐसा जो सूर्य्यलोक है, वह
गोमतः................ जिसमें अपने किरण विद्यमान है उस
अबिभ्युषः............भयरहित
बलस्य...............मेघ के
बिलम्................जलसमूह को
अपावः................अलग कर देता है,
त्वाम्.................इस सूर्य्य को
तुज्यमानासः..........अपनी अपनी कक्षाओं में भ्रमण करते हुए
देवाः...................पृथिवी आदि लोक
आविषुः................विशेष करके प्राप्त होते हैं
भाषार्थ -
जैसे सूर्य्यलोक अपनी किरणों से मेघ के कठिन बद्दलों को छिन्न भिन्न करके भूमि पर गिराता हुआ जल की वर्षा करता है, तथा इसके चारों ओर आकर्षण अर्थात् खींचने के गुणों से पृथिवी आदि लोक अपनी अपनी कक्षा में उत्तम उत्तम नियम से घूमते हैं | 

विज्ञान:- इसमें "वाटर-साइकिल" बताया गया है ,पृथ्वी पर जल बादल से आता है ,जब सूर्य की किरणे उसे द्रव्य की अवस्था में ऐसे ले आती है की वो एक जल में परिवर्तित हो जाता है , और भारी होने पर निचे जमीन पर गिर जाता है ।
दूसरा विज्ञानं ये भी है की , पृथ्वी आदि ग्रह के पास भी अपनी गुरुत्वाकर्षण शक्ति है , जिससे वो सूर्य के चारो और घूमती है , पर कभी भी सूर्य के अंदर नहीं जाती , और सूर्य के पास भी अपनी आकर्षण शक्ति है , जो इन सारे ग्रहो को अपने आकर्षण शक्ति में बांधे हुआ है ( देखे ,
 RIGVED  10:149:1)

अभी सिर्फ इतना ही दे रहा हूँ , अभी वेदो में हज़ारो विज्ञान है , जो आज के मॉडर्न विज्ञान के अनुकूल है ,कुछ तो मॉडर्न से भी आगे है ,जिसपर सइन्टिस्टों का कहना है , हो सकता है ये सब विज्ञान भविष्य में हम प्राप्त कर ले । बाकी  अगले ब्लॉग में पोस्ट किया जाएगा , तब तक के लिए नमस्कार । 

ADMIN- MANISH KUMAR (ARYA)

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